लहसुन – रसोई और औषधि का खजाना जो हर मौसम में खाया जाता है ।

 

लहसुन सिर्फ़ स्वाद बढ़ाने वाला मसाला नहीं है, बल्कि प्राचीन काल से औषधीय गुणों से भरपूर एक चमत्कारी जड़ है। आयुर्वेद, यूनानी और आधुनिक चिकित्सा – सभी इसे रोगनाशक मानते हैं। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने, हृदय की रक्षा करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है।
लहसुन की पहचान और गुण नाम और प्रकार

संस्कृत: लशुनम्।

अंग्रेज़ी: लहसुन।

वानस्पतिक नाम: एलियम सैटिवम।

इसकी दो प्रमुख किस्में हैं – देसी (छोटी कलियाँ, तेज़ गंध) और विदेशी (बड़ी कलियाँ, हल्की गंध)।

रसोई में प्रयोग

दाल-तड़का, सब्ज़ियों, चटनी, अचार और कई ग्रेवी में इसका नियमित उपयोग स्वाद और पाचन को बढ़ाता है।

आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से गुण

रस: कड़वा, तीखा; गुण: गरम, तीखा, कसैला; दोषों को दूर करने वाला: वात-कफ हर।

प्रभाव: बलवर्धक, अग्निदीपक, रक्त शोध

शास्त्रीय संदर्भ “लशुणां वातहरं तीक्ष्णं बलं मध्यमं च दीपनं। हृदयं चोष्णं लघु शुक्यं लंघनं कीटाघ्नं शुभम्”। – भावप्रकाश निघंटु

 सौंदर्य और त्वचा की देखभाल में उपयोग

मुँहासों और मुहांसों पर लहसुन का रस और शहद लगाएँ

रूसी के लिए बालों पर लहसुन का तेल लगाएँ। लहसुन का रस फंगल संक्रमण के लिए उपयुक्त है।

मुख्य लाभ:

हृदय को मजबूत करता है

रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है

प्रतिरक्षा बढ़ाता है  पाचन तंत्र में सुधार करता है

मानसिक थकान और तनाव को कम करता है • जोड़ों के दर्द और गठिया में उपयोगी रक्त शुद्ध करता है

सर्दी-खांसी में आराम देता है शरीर को आंतरिक रूप से साफ करता है

जीवाणुरोधी, विषाणुरोधी गुण होते है

अनेक औषधीय और घरेलू उपचार

1 लहसुन + शहद: लहसुन की 2 कलियाँ पीसकर 1 चम्मच रोज सुबह खाली पेट शहद के साथ लें – रोग प्रतिरोधक क्षमता और हृदय की सुरक्षा करता है।

2 लहसुन के तेल से मालिश: गुनगुने लहसुन के तेल से मालिश जोड़ों के दर्द और गठिया में फायदेमंद है।

3 लहसुन वाले दूध को रात में उबालकर पीने से गैस, कब्ज और नींद में सुधार होता है।

4 कच्चा लहसुन निगलने से रक्तचाप और शुगर नियंत्रित रहता है।

5 लहसुन-नींबू का मिश्रण: वसा और कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है।

पोषक तत्व और सक्रिय तत्व

एलिसिन – मुख्य सक्रिय तत्व विटामिन B6, स सेलनियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम एंटीऑक्सीडेंट

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

राष्ट्रीय संस्थानों के शोध के अनुसार, लहसुन में सूजन-रोधी, हृदय-सुरक्षात्मक और कैंसर-रोधी गुण होते हैं।

 रोचक तथ्य
लहसुन को “प्रकृति का एंटीबायोटिक” कहा जाता है। प्राचीन मिस्र में, इसे मजदूरों को ताकत के लिए खिलाया जाता था।लहसुन की एक कली में 400 से ज़्यादा रसायन होते हैं। सावधानियाँ और दुष्प्रभाव: ज़्यादा सेवन से पेट में जलन या दुर्गंध आ सकती है। इसे रक्त पतला करने वाली दवाओं के साथ न लें, लहसुन से एलर्जी वाले लोगों को इससे बचना चाहिए।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न: क्या लहसुन खाली पेट खाया जा सकता है? क्या लहसुन खाना सुरक्षित है? उत्तर: हाँ, लेकिन सीमित मात्रा में। मात्रा।

प्रश्न: क्या बच्चों को लहसुन दिया जा सकता है? उत्तर: हाँ, थोड़ी मात्रा में पकाकर।

प्रश्न: क्या लहसुन वज़न कम करता है?

उत्तर: हाँ, यह मेटाबॉलिज़्म बढ़ाकर मदद करता है।

प्रश्न: क्या लहसुन रोज़ाना खाना चाहिए? उत्तर: हाँ, लेकिन 1-2 कलियाँ पर्याप्त हैं।

भंडारण सुझाव

सूखी, ठंडी जगह पर रखें

फ्रिज में न रखें क्योंकि इससे अंकुर निकल आते हैं।

छिलके वाले लहसुन को हवाबंद डिब्बे में रखें।

निष्कर्ष

लहसुन स्वास्थ्य का एक प्राकृतिक रक्षक है। रसोई में इसका नियमित उपयोग कई बीमारियों से बचाता है। प्राचीन से लेकर आधुनिक चिकित्सा तक इसका महत्व अटूट है

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